लाँग ,स्क्वायर ऑफ,सर्किट ETC

                                                  लाँग ,स्क्वायर ऑफ,सर्किट ETC

पूरे वक्त की ऊँचाई/निचाई (All time high/ low): - ऑल टाइम हाई व ऑल टाइम लो भी 52 हफ्तों की ऊँचाई या निचाई की तरह ही स्टॉक की कीमत बताता है । पर इन दोनों में फर्क सिर्फ इतना है । कि ऑल टाइम हाई या लो किसी स्टॉक के बाजार में लिस्ट होने के बाद से अब तक की सबसे ऊँची कीमत या सबसे नीची कीमत को दर्शाती है।

अपर और लोअर सर्किट (Upper Ciruit / Lower circuit): - दोस्तों स्टॉक एक्सचेंज हर स्टॉक के लिए कीमत की एक सीमा तय कर देती हैं । इस के तहत स्टॉक एक ट्रेडिंग दिन में स्टॉक की कीमत उस सीमा के बाहर नहीं जाने दी जाती है ।  

ना ऊपर की तरफ और ना ही नीचे की तरफ । ऊपरी कीमत की सीमा को अपर सर्किट और निचली सीमा को लोअर सर्किट कहते हैं । स्टॉक की सर्किट की ये सीमा 2%, 5%, 10%, या 20% में से कुछ भी हो सकती है । जो की  एक्सचेंज अपने नियमों और पैमानाओ के हिसाब से तय करती हैं ।

एक्सचेंज इस सर्किट का इस्तेमाल स्टॉक में जरूरत से ज्यादा उतार चढ़ाव को काबू में रखने के लिए करती हैं । ताकि किसी भी अचानक आई खबर की वजह से स्टॉक में बहुत ज्यादा गिरावट या बहुत अधिक तेजी ना आए ।

लाँग पोजिशन (Long Position): - दोस्तों लाँग पोजीशन या लाँग होना आपके सौदे यानी ट्रेड की दिशा बताता है । उदाहरण के तौर पर अगर आपने CIPLA के शेयर खरीदे हैं  

या खरीदने वाले हैं । तो आप CIPLA पर लाँग हैं । अगर आपने निफ्टी इंडेक्स इस उम्मीद पर खरीदा है । कि इंडेक्स ऊपर जाएगा तो आपकी इंडेक्स लांग पोजीशन कही जायेगी । अगर आपकी किसी स्टॉक या इंडेक्स पर लाँग पोजीशन है । तो आपको तेजी वाला ट्रेडर या बुलिश (Bullish) माना जाएगा ।

 पोजीशन         पहला सौदा          दूसरा सौदा         जब पैसा बनेगा              पैसा डूबेगा जब

 शॉर्ट          बेचना            खरीदना               मंदी शेयर                शेयर ऊपर जाएगा    पो  लाँग           खरीदना             बेचना                   तेजी शेयर                  शेयर   नीचे जाएगा

स्क्वायर ऑफ (Square off) :-दोस्तों स्क्वायर ऑफ का मतलब होता है । की आप अपनी पोजीशन या सौदा को खत्म अर्थात बराबर करना चाहते हैं । अगर आप लाँग पोजीशन बना कर बैठे हैं । तो आप स्क्वायर ऑफ करने के लिए शेयर बेच देते हैं । 

यहां आप शॉर्ट नहीं कर रहे होते हैं । पहले से ही अपने पास मौजूद पोजीशन को बेच रहे होते हैं । जब आप शॉर्ट पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं । तो आप शेयर खरीदते हैं । यहां खरीद कर लाँग पोजीशन नहीं बना रहे हैं । बल्कि आप शेयर खरीद कर अपने पहले किये गये शॉर्ट पोजीशन खत्म कर रहे हैं ।

   जब आप          स्क्वायर ऑफ करने पर

   शॉर्ट हैं                   शेयर खरीदेंगे

   शॉर्ट हैं                   शेयर खरीदेंगे

इन्ट्रा डे पोजीशन (Intra day position): - दोस्तों जब आप ऐसी पोजीशन बनाते हैं । जिसे आप उसी दिन स्क्वेयर ऑफ करना चाहते हैं । तो ऐसी पोजीशन को ही इन्ट्रा डे पोजीशन कहते हैं । 

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