दोस्तो
आप में से कुछ जो
RESULT के प्रभाव शेयरों व शेयर बाजार
पर के बारे में
जानते हैं । वो लोग
RESULT के दिन RESULT बाले शेयरों में कमाई कर लेते हैं
।
नही तो RESULT के प्रभाव के
कारण होने बाले घाटे से बच जाते
हैं । पर इसके
विपरीत जो लोग RESULT के
शेयरों के प्रभाव को
नही जानते है । वो
लोग RESULT बाले शेयरों में RESULT के प्रभाव के
कारण घाटा उठा लेते हैं ।
दोस्तो
RESULT अगर आप ट्रेड कर
रहे हैं ।
तो आपको शेयरों
पर पड़ने बाले RESULT के प्रभाव को
जानना बेहद जरूरी है ।
आइये
जाने RESULT होता क्या है ।
दोस्तो
सरकार द्वारा सभी कम्पनियों ये निदेश है
। की सभी कम्पनिया
अपने कम्पनी की जानकारियां जैसे
1)टर्नओवर
- यानी कुल टर्नओवर उस अन्तराल में
कितना हुआ ।
2) प्रॉफिट
- उस अंतराल में कुल फायदा कितना हुआ ।
3)- लोन
- उस अन्तराल में कर्ज कितना लिया गया या सधाया गया
तो कितना व वर्तमान में
कितना लोन है ।
4) टैक्स
- उस दरम्यान उसने कितना टैक्स दिया ।
5) आर्डर
- उस अन्तराल में आर्डर की क्या स्थिती
रही आर्डर बढ़ी या घटी
6) सप्लाई-
सप्लाई क्या हुआ उस अन्तराल में
बढ़ी या घटी
7) प्लेज
- उस अन्तराल में कम्पनी की शेयरिंग कितनी
रही वो बढ़ी या
घटी
8)प्रोजेक्ट्स
- उस अन्तराल में कम्पनी ने कोई प्रोजेक्ट्
चालू या बंद की
9) महत्वपूर्ण
बैठ - क्या कमीनी ने उस अन्तराल
में किसी बड़ी बैठ की या करने
बाले है ।
10)समान
सेक्टर बाले शेयरों के रिजल्ट का
प्रभाव- दोस्तों ऐसा अक्सर देखा जाता है । की
अगर एक ही शेयरों
के रिजल्ट पोजेटिव आते हैं तो उस शेयर
के अलावा उस शेक्टर से
जुड़े अधिकतर शेयरों में इस उम्मीद से
खरीदारी होने लगती है की इस
कम्पनी का रिजल्ट पोजेटिव
आया है
यानी
इस सेक्टर से जुड़े दूसरी
कम्पनियों को भी फायदा
हुआ ही होगा और
ये सोच कर लोग उस
शेक्टर के अन्य शेयरों
में भी खरीदारी शुरू
कर देते हैं ।
इस
के ठीक विपरीत अगर एक ही शेक्टर
के किसी का रिजल्ट नेगेटिव
आता है तो लोग
सोचते हैं । की इस
पूरे शेक्टर को दिक्कत हुई
होगी वो भी अपना
रिजल्ट नेगेटिव देगे और ये सोचकर
लोग उस शेयर में
सेलीग या एक्जिट होने
लगते हैं ।
आदि
- आदि यू समझिये की
उस दरम्यान की बेलेंस सीट जिसे
ये RESULT कम्पनियों को महीने,तीन
महीने ,छ महीने व
साल में देने पड़ते हैं । ये कम्पनियों
के आकार ,प्रकार आदि पर निर्भर करती
है । ये नियम
लगभग सभी कम्पनियों पर लागू होती
है ।
पर
शेयर बाजार में लिस्टेड शेयरों पर इस नियम
का कड़ाई से पालन होता
है ।
समय
फर RESULT ना देने कम्पनियों
पर सरकार नजर रखी है । ऐसा
नही करने बाले शेयरों के प्रति शेयर
धारक शंका ग्रस्त रहते हैं
।
जो
उस कम्पनी व शेयर के
लिये हानिकारक होता है । इसी
लिये लिस्टेड सभी कम्पनिया RESULT घोषित किया करती ही है ।
देर होने पर उन्हें सरकार
के तरफ से जुर्माना भी
लगता है । और
ट्रेडर व निवेश उस
कम्पनियों से दूर भी
होने लगते हैं ।
ह
ये अलग बात है । की
कम्पनिया अपने RESULT में
कितना सही या कितना गलत
बोल रही है । ये
कुछ गिने - चुने लोगो को ही पता
चलती है । जो
कम्पनी या उच्य पदासीन
अधिकारी होते हैं । पर दोस्त
हर जगह सेटिंग बोलता है । ये
हमेशा या रखे आप
लोग अब इस ब्लॉग
को पढ़ना बंद कर देंगे ।
इसी लिये इस के आगे
अगले ब्लॉग में ।
दोस्तो
मेरे ब्लॉगों में ऐड सब आते
रहते हैं । उस पर
क्लिक करके उसे खोल कर देखने पर
काफी अच्छे - अच्छे शेयरों के TIPS भी मिलेंगे जो
दिये गये टार्गेट HIT भी करते हैं
।
पर दोस्तो मेरी
आप लोगो से अनुरोध है
। उन TIPS पर काम करने
से पहले उस शेयरों के
बारे में जानकारी जरूर लेले ।
दोस्तो
मेरे और भी ब्लॉग
है । जिसकी LINK में
नीचे दे रहा हूँ
। एक बार जरूर
उन ब्लॉगों को खोल कर
देखे
GOLD LOAN घाटे
का सौदा ?
मंगल पाण्डे ने समय पूर्व विद्रोह कर क्या सही किया ?
दोस्तो
आप लोगो को ये ब्लॉग
कैसा लगा । कॉमेंट कर
जरूर बताइयेगा । दोस्तो अगर
आप मेरा हर ब्लॉग पाना
चाहते हैं ।
तो अपना
EMAIL डाल
कर सब्सक्राइब व फॉलो जरूर
करे । यदि आप
ये ब्लॉग किसी और तक भी
पहुँचाना चाहते हैं । तो उनके
EMAIL डाल
कर उनके EMAIL को
सब्सक्राइब करके मेरा हर ब्लॉग उन
तक भी पहुँचा सकते
हैं ।
: धन्यवाद
: