शेयर बायबैक है क्या ?
दोस्तो जैसा की आप लोगों को पता ही है । की इस ब्लॉग पर आप लोगों को शेयर व शेयर बाजार से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी एक ही जगह मिल जाया करती है । उसी कड़ी में आज हम बात करने बाले है । शेयर बायबैक के बारे मे जिसके बारे में आप लोगो ने जरूर ही सुना होगा । तो आईये आज हम लोग शेयर बायबैक के बारे में जाने ।
शेयर बायबैक
है क्या ?
दोस्तों शेयर बायबैक (BUYBACK) IPO (आईपीओ) के बिलकुल ही विपरीत है । जहाँ IPO (आईपीओ) के जरिये कंपनीया निवेशकों को कम्पनी के शेयर बेचती है। तो वही शेयर बायबैक में कंपनीया अपने कम्पनी के शेयर धारकों से कम्पनी के शेयर वापस खरीदती है | अर्थात जब कोई कंपनी अपने शेयर धारकों से अपने ही कम्पनी के शेयर वापस खरीदती है । तो इसे शेयर बायबैक प्रणाली कहते है।
शेयर बायबैक में कंपनीया अपने शेयर धारकों से मुख्यत: दो तरीकों से शेयर खरीदती है।
1)टेंडर ऑफर के जरिये : इस ऑफर के जरिये कंपनीया अपने शेयर धारकों से अपने शेयर वापस खरीदने का प्रस्ताव रखती है।
2)ओपन
मार्किट के जरिये : इस ऑफर के जरिये कंपनी ओपन मार्किट से शेयर खरीदने की घोषणा करती
है।
दोस्तो कंपनीयो का बोर्ड शेयर बायबैक(BUYBACK) के लिए एक प्रस्ताव लाती है । जिसे बोर्ड के मेम्बर्स मिल के पारित करते है । और जब ऐसा होता है । तो बोर्ड इसे मंजूरी देती है । इसके बाद कंपनीया शेयर बायबैक की घोषणा करती है। इसमें रिकार्ड डेट और शेयर बायबैक की समयावधि अर्थात शेयर बायबैक कब किया जायेगा उसका वर्णन होता है।
रिकॉर्ड डेट क्या होता है ?
दोस्तों रिकॉर्ड डेट का मतलब होता है । कि उस तय समय तक जिन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर हैं । वे लोग शेयर बायबैक के माध्यम से कम्पनी को अपने शेयर दे सकते है ।
दोस्तो कंपनीया कई कारणों से अपना शेयर BUYBACK करती है। जिनमे से कुछ प्रमुख कारणों का उल्लेख में नीचे कर रहा हूँ ।
1) कंपनी के पास अतिरिक्त नकदी का होना __ दोस्तों जब किसी कम्पनी के पास अतिरिक्त नगदी अर्थात ऐसी नगदी जिसका कम्पनी को निकट भविष्य में काम ना हो जब ऐसा होता है । तो कम्पनियां अपने शेयर धारकों से अपने कम्पनी के शेयर वापस खरीदने का प्रस्ताव रखती है। कंपनीया शेयर बायबैक के जरिए अपने अतिरिक्त नकदी का इस्तेमाल करती है।
4)कंपनीया शेयर प्रीमियम पर खरीदकर मार्किट में इनकी संख्या को कम करती हैं ।- जिससे प्रमोटर की होल्डिंग को बढ़ाई जाती है।
5)शेयर बायबैक या वापस खरीदने का सामान्य कारण -शेयरधारकों को अतिरिक्त नकद वितरित करना भी होता है । क्योंकि शेयर बायबैक प्रस्ताव आम तौर पर शेयर के वर्तमान मूल्य से अधिक पर होता है। ऐसे करने से शेयर धारकों की नजर में कम्पनियां अपनी छवि और बेहतर करती है ।
6)कभी-कभी जब कंपनी को लगता है। -कि शेयर का प्राइस अंडरवैल्यूड है । तो स्टॉक बायबैक का इस्तेमाल करके कम्पनियां शेयर की कीमत को बढ़ाने के लिए शेयर करती है।
7)टैक्स लाभ -के लिए भी कंपनियां शेयर बायबैक का प्रस्ताव लाती हैं।
दोस्तो ये ब्लॉग बहुत बड़ा हो रहा है । अतः मैं इसे दो भाग कर रहा हूँ । शेयर बायबैक से जुड़े इस ब्लॉग के बाकी भाग आप मेरे ब्लॉग शेयर बायबैक 2 में पढेंगे नीचे रोचक BLOG का मै LINK दे रहा हूँ । उम्मीद है आप लोगो को ये BLOG जरूर पसंद आएगी । 👇
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