दोस्तो ये सवाल आज के युग मे भी देश मे बहुत आम है ।
आज भी देश मे बहुतों लोग ऐसे है । जिनको जब आप कहेंगे आइये आप का डिमैट एकाउंट खोल दे तो वो तुरन्त पूछते है।ये डिमैट एकाउंट से होता क्या है ।
दोस्तो इस पर कोई आश्चर्य नही कीजिये ये बिल्कुल सच है।
ये पोस्ट उन लोगो को समर्पित जिनको डिमैट के बारे में कुछ पता नही है।
दोस्तो जब देश मे शेयर का उद्गम हुआ था । उस समय शेयर अलॉट लोगो को सर्टीफिकेट के रूप में होता था । और लोग को जब भी खरीदना या बेचना होता था । वो ब्रोकर के पास जाते थे और ब्रोकर फोन पर बात कर कीमत बताता था । लोगो के पास स्वयं अपने शेयर के बिके या खरीदे गये दर को जानने का कोई व्यवस्था नही थी । लोग ब्रोकर के बताये दर पर ही खरीद व बिक्री करते थे । जिसके चलते इन्वेस्टरों को सही लाभ नही मिल पाता था जिसके कार लोग इस के प्रति उदासी हो रहे थे ।
दुसरी सबसे बड़ी समस्या थी दो नम्बर पैसो को एक नंबर पैसा का बनाने का जरिया बनने लगना ।
दोस्तो जिनके पास काला धन होता था वो खुद अनेको नाम पर आवेदन करके शर्टिफिकेट प्राफ्त कर लेते थे । फिर बढ़ गए शेयर को कम दामों में खरीदारी दिखा कर उसे अपने नामो पर ट्रान्सफर कर लेते थे इस तरह उनका काला धन कुछ मामूली खर्चे के बाद बढ़ कर एक नंबर का हो जाता था । इन सब कारणों से शेयर बाजार पूजी पतियों के हाथ की जागीर बनी हुई थी । जिसके कारण इस का विकाश सीमित रह गया ऐसे ही अनेक समस्याओं और जन जन शेयरबजार पहुचाने के लिए ये जरूरी होगया था । कि पूरी लेन देन की प्रकिर्या पारदर्शी हो जिस पर लोगो का भरोसा हो । तब शेयर सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक मोड में करने का निर्णय लिया गया जिसके होजाने से सारी प्रकिर्या ऑनलाइन शुरू की गई इलेक्ट्रॉनिक मोड होने पर लोग अपने शेयर देख तो सकते थे पर हाथ मे नही ले सकते थे । जैसे कि बिटकॉइन अगर आप खरीदेगे तो उसे देख सकते है पर हाथ मे नही लेसकते वही व्यवस्था शेयरों के लिये कर दी गयी । पर इलेक्ट्रॉनिक मोड होने पर ये जरूरी था कि एक ऐसा एकाउंट हो जहा ये शेयर रह सके तब डिमैट एकाउंट का जन्म हुआ । मोटे शब्दो मे कहे तो शेयरों का घर या गोदाम जहाँ खरीदे शेयर रहे और बेचने पर वही से खरीदारों के खातों में जाये और खरीदने पर बेचे हुआ व्यक्ति के खाते से निकल कर खरीदने बाले के खाते में पहुँचे लेन देन की ये प्रकिर्या सबके सामने हो लोगो को उनके शेयरों का तत्काल की कीमत दिखते रहे घटते व बढ़ते हुए ।
आने बाले समय मे म्यूचुअलफंड के लिये भी डिमैट एकाउंट आवश्यक की जायेगी तकी लोग को अपने mf का लाइव रेट दिखे
आशा है आप लोग जिन्हें डिमैट के बारे में नही जानकारी होगी।उन्हें पता चल गया होगा कि शेयर व म्यूचुअलफंड में निवेश कर अपने पैसो को बढ़ाने का माध्यम है डिमैट एकाउंट
दोस्तो आप जो म्यूचुअलफंड करते है उन्हें म्यूचुअलफंड को बेचते वक्त अपने एजेंटों को खोजना पड़ता है । अगर कहि उनकी बदली होगयी तो और दिक्कत होती है ।
पर यदि आप का म्यूचुअलफंड डिमैट में है । तो आप दुनिया मे कहि भी है । अपना म्यूचुअलफंड को खुद ऑनलाइन लाइव रेट पर बेच सकते है । और अपना पैसा अपने खाते में ला सकते है ।
अतः दोस्तो आने बाले समय मे डिमैट बहुत उपयोगी साबित होने बाला है । खास कर मध्यम वर्गीय परिवारों के लिये ।
आज भी देश मे बहुतों लोग ऐसे है । जिनको जब आप कहेंगे आइये आप का डिमैट एकाउंट खोल दे तो वो तुरन्त पूछते है।ये डिमैट एकाउंट से होता क्या है ।
दोस्तो इस पर कोई आश्चर्य नही कीजिये ये बिल्कुल सच है।
ये पोस्ट उन लोगो को समर्पित जिनको डिमैट के बारे में कुछ पता नही है।
दोस्तो जब देश मे शेयर का उद्गम हुआ था । उस समय शेयर अलॉट लोगो को सर्टीफिकेट के रूप में होता था । और लोग को जब भी खरीदना या बेचना होता था । वो ब्रोकर के पास जाते थे और ब्रोकर फोन पर बात कर कीमत बताता था । लोगो के पास स्वयं अपने शेयर के बिके या खरीदे गये दर को जानने का कोई व्यवस्था नही थी । लोग ब्रोकर के बताये दर पर ही खरीद व बिक्री करते थे । जिसके चलते इन्वेस्टरों को सही लाभ नही मिल पाता था जिसके कार लोग इस के प्रति उदासी हो रहे थे ।
दुसरी सबसे बड़ी समस्या थी दो नम्बर पैसो को एक नंबर पैसा का बनाने का जरिया बनने लगना ।
दोस्तो जिनके पास काला धन होता था वो खुद अनेको नाम पर आवेदन करके शर्टिफिकेट प्राफ्त कर लेते थे । फिर बढ़ गए शेयर को कम दामों में खरीदारी दिखा कर उसे अपने नामो पर ट्रान्सफर कर लेते थे इस तरह उनका काला धन कुछ मामूली खर्चे के बाद बढ़ कर एक नंबर का हो जाता था । इन सब कारणों से शेयर बाजार पूजी पतियों के हाथ की जागीर बनी हुई थी । जिसके कारण इस का विकाश सीमित रह गया ऐसे ही अनेक समस्याओं और जन जन शेयरबजार पहुचाने के लिए ये जरूरी होगया था । कि पूरी लेन देन की प्रकिर्या पारदर्शी हो जिस पर लोगो का भरोसा हो । तब शेयर सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक मोड में करने का निर्णय लिया गया जिसके होजाने से सारी प्रकिर्या ऑनलाइन शुरू की गई इलेक्ट्रॉनिक मोड होने पर लोग अपने शेयर देख तो सकते थे पर हाथ मे नही ले सकते थे । जैसे कि बिटकॉइन अगर आप खरीदेगे तो उसे देख सकते है पर हाथ मे नही लेसकते वही व्यवस्था शेयरों के लिये कर दी गयी । पर इलेक्ट्रॉनिक मोड होने पर ये जरूरी था कि एक ऐसा एकाउंट हो जहा ये शेयर रह सके तब डिमैट एकाउंट का जन्म हुआ । मोटे शब्दो मे कहे तो शेयरों का घर या गोदाम जहाँ खरीदे शेयर रहे और बेचने पर वही से खरीदारों के खातों में जाये और खरीदने पर बेचे हुआ व्यक्ति के खाते से निकल कर खरीदने बाले के खाते में पहुँचे लेन देन की ये प्रकिर्या सबके सामने हो लोगो को उनके शेयरों का तत्काल की कीमत दिखते रहे घटते व बढ़ते हुए ।
आने बाले समय मे म्यूचुअलफंड के लिये भी डिमैट एकाउंट आवश्यक की जायेगी तकी लोग को अपने mf का लाइव रेट दिखे
आशा है आप लोग जिन्हें डिमैट के बारे में नही जानकारी होगी।उन्हें पता चल गया होगा कि शेयर व म्यूचुअलफंड में निवेश कर अपने पैसो को बढ़ाने का माध्यम है डिमैट एकाउंट
दोस्तो आप जो म्यूचुअलफंड करते है उन्हें म्यूचुअलफंड को बेचते वक्त अपने एजेंटों को खोजना पड़ता है । अगर कहि उनकी बदली होगयी तो और दिक्कत होती है ।
पर यदि आप का म्यूचुअलफंड डिमैट में है । तो आप दुनिया मे कहि भी है । अपना म्यूचुअलफंड को खुद ऑनलाइन लाइव रेट पर बेच सकते है । और अपना पैसा अपने खाते में ला सकते है ।
अतः दोस्तो आने बाले समय मे डिमैट बहुत उपयोगी साबित होने बाला है । खास कर मध्यम वर्गीय परिवारों के लिये ।
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धन्यवाद