बाजार जून 22 P 1

                                                          बाजार जून 22 P 1

दोस्तों जैसा की आप लोग देख ही रहे होंगे कि जो बाजार पहले दो कदम आगे के सिद्धांत पर चल रहा था । वही बाजार अभी एक कदम आगे दो कदम पीछे की नीति पर चलने लगा है । आप में से कई लोग बाजार की इस बदली नीति से असमंजस में होंगे कि क्या करें ना करें । 

buy करे कि sell करे कुछ साफ निर्णय नही ले पा रहे होंगे । कइयों के मन मे ये भी शंका उठ रही होगी कि सब तो सरकार के हिसाब से ठीक ही है । फिर ऐसा क्यों हो रहा है । तो आइए आज हम इसी पर बात करते हैं । आप में से कुछ लोग सोचेंगे की मैं बाजार के अगले लेव के बारे में बताऊंगा पर नही दोस्तों वो बातें बाद में पहले

वर्तमान समय में बाजार की स्थिति पर बात करते हैं । जो अभी बहुत जरूरी है । दोस्तों बात शुरू करने से पहले एक बार फिर में आप लोगो से कह दु की शेयर या शेयर बाजार कितना तक नीचे या कितना तक ऊपर जायेगा ये कोई भी पक्का नही कह सकता है । 

अगर वो दावा करता है । तो वो शतप्रतिशत झूठ बोल रहा है । हम या कोई और वश शेयर या शेयर बाजार के ऊपर या निचे जाते हुए अगला स्टॉपेज कौन सा है । ये बता सकते हैं वश और ये एक कड़वा सच है । दोस्तों जैसा की आप लोग देख ही रहे होंगे कि बाजार हर लेबल तोड़ दे रहा है । पर सरकार सब ठीक कह रही है । दोस्तों बाजार के स्थिति के लीये कई चीज जिम्मेदार है ।

1) करेक्शन ड्यू - दोस्तों सबसे पहला जो कारण है वो करेक्शन ड्यू दोस्तों जैसा कि आप लोगो ने खुद ही अनुभव किया होगा की बाजार में आये इस जबरदस्त तेजी के हिसाब से बाजार में करेक्शन काफी समय से हुआ ही नही । जो लोग इस बाजार को चढ़ाये थे । 

उन्हें फायदा तभी तो होगा जब वो बेचेगे और जब वो बेचेंगे तो और वो बेचेंगे तो बाजार तो उस बढ़त के हिसाब से ही तो गिरेगा जिसके बाद बाजार में करेक्शन होगा जिसके आने के बाद ही तो वो पुनः नये निवेश करेंगे

2)महँगाई - दोस्तों कोई भी सरकार कुछ भी कहे पर वर्तमान समय मे पूरी दुनिया मे महँगाई अपने चरम पर पहुँच रही है । आप मे से बहुत से लोग जानते ही होंगे कि अमेरिका में महंगाई ने पिछले 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ रहा है । 

पूरी दुनिया मे अपने सस्ते दरों के कारण चर्चा में बने रहने बाला देश जर्मनी में भी महँगाई बढ़ रही है । जब की पाकिस्तान,श्रीलंका,अफगानिस्तान आदि कई देशों में जनताओं को मूलभूत सुविधाएं भी नही मिल पा रही है । कई लोग तो एक वक्त के खाने से जुगाड़ कर रहे हैं । ऐसे में बाजार या शेयर की कौन सोचता है ।

3)covid 19 - दोस्तों आप मे से कई कहेंगे की कोविड तो खत्म है । बिल्कुल नही दोस्तों कोविड इतनी जल्दी कैसे खत्म होगा । अभी कोविड अपने निर्माण करता देश मे सबसे आखरी चोट कर रहा है । इस समय भी कम्पनी अपने यहाँ से हटाये गये लोगो को लेने के बजाय पूरी दुनिया मे ही हटाते जा रहे हैं । जिसके कारण उत्पादन अभी भी कोविड के पहले जैसे होती थी वैसी नही हो रही है ।

दोस्तों मेरे ब्लॉग के अंदर मिले शेयर टिप्स पर जानकारी प्राप्त करके ही निवेश करें दोस्तो  नीचे मैं अपने रिसेंट ब्लॉग का LINK दे रहा हूँ । मुझे उम्मीद है आप लोगो को ये BLOG जरूर पसंद आएगी ।                                                                                   👇

                   ट्रेडिंग,पोर्टफोलियो,हेजिंग,कैप्टलाइजेशन परीचय

👉 http://jhaleshwarsingh.blogspot.com/2022/04/blog-post.html

                             लॉन्ग, स्क्वायर ऑफ,सर्किट ETC

👉 http://jhaleshwarsingh.blogspot.com/2022/05/blog-post.html

ये BLOG आप लोगो को कैसी लगी मुझे COMMENT कर जरूर बताइयेगा ।  मेरे सभी BLOG को पाने के लिये अपना EMAIL डाल कर इस BLOG को SUBSCRIBE कर ले । यदी आप लोगो को  मेरी BLOG पसंद आयी हो तो इसे SHARE FOLLOW  करे । 

इस BLOG को दूसरों तक पहुँचाने के लिये उन का EMAIL डाल कर उनके EMAIL को SUBSCRIBE कर के ये BLOG आप उन तक भी आप पहुँचा सकते हैं । दोस्तों अगर आप लोगो की कोई समस्या या सुझाव हो या कोई ऐसा विषय जिस पर आप लोग BLOG पढ़ना चाहते हो तो । 

मुझें COMMENT करके जरूर बताइयेगा मैं आपकी समस्याओं के समाधन करने की पूरी कोशिश करूँगा । साथ ही आप के बताये विषय पर जल्द से जल्द BLOG लिखने की कोशिश करूँगा । कॉमेंट बॉक्स में अपना EMAIL भेज कर भी आप ये ब्लॉग पा सकते हैं ।

MY बिटकॉइन (BITCOIN - BTC) वॉलेट एड्रेस :- Q9koixjYT8pKNNGxvUXhTzgLrPu9Wvu8t

लाँग ,स्क्वायर ऑफ,सर्किट ETC

                                                  लाँग ,स्क्वायर ऑफ,सर्किट ETC

पूरे वक्त की ऊँचाई/निचाई (All time high/ low): - ऑल टाइम हाई व ऑल टाइम लो भी 52 हफ्तों की ऊँचाई या निचाई की तरह ही स्टॉक की कीमत बताता है । पर इन दोनों में फर्क सिर्फ इतना है । कि ऑल टाइम हाई या लो किसी स्टॉक के बाजार में लिस्ट होने के बाद से अब तक की सबसे ऊँची कीमत या सबसे नीची कीमत को दर्शाती है।

अपर और लोअर सर्किट (Upper Ciruit / Lower circuit): - दोस्तों स्टॉक एक्सचेंज हर स्टॉक के लिए कीमत की एक सीमा तय कर देती हैं । इस के तहत स्टॉक एक ट्रेडिंग दिन में स्टॉक की कीमत उस सीमा के बाहर नहीं जाने दी जाती है ।  

ना ऊपर की तरफ और ना ही नीचे की तरफ । ऊपरी कीमत की सीमा को अपर सर्किट और निचली सीमा को लोअर सर्किट कहते हैं । स्टॉक की सर्किट की ये सीमा 2%, 5%, 10%, या 20% में से कुछ भी हो सकती है । जो की  एक्सचेंज अपने नियमों और पैमानाओ के हिसाब से तय करती हैं ।

एक्सचेंज इस सर्किट का इस्तेमाल स्टॉक में जरूरत से ज्यादा उतार चढ़ाव को काबू में रखने के लिए करती हैं । ताकि किसी भी अचानक आई खबर की वजह से स्टॉक में बहुत ज्यादा गिरावट या बहुत अधिक तेजी ना आए ।

लाँग पोजिशन (Long Position): - दोस्तों लाँग पोजीशन या लाँग होना आपके सौदे यानी ट्रेड की दिशा बताता है । उदाहरण के तौर पर अगर आपने CIPLA के शेयर खरीदे हैं  

या खरीदने वाले हैं । तो आप CIPLA पर लाँग हैं । अगर आपने निफ्टी इंडेक्स इस उम्मीद पर खरीदा है । कि इंडेक्स ऊपर जाएगा तो आपकी इंडेक्स लांग पोजीशन कही जायेगी । अगर आपकी किसी स्टॉक या इंडेक्स पर लाँग पोजीशन है । तो आपको तेजी वाला ट्रेडर या बुलिश (Bullish) माना जाएगा ।

 पोजीशन         पहला सौदा          दूसरा सौदा         जब पैसा बनेगा              पैसा डूबेगा जब

 शॉर्ट          बेचना            खरीदना               मंदी शेयर                शेयर ऊपर जाएगा    पो  लाँग           खरीदना             बेचना                   तेजी शेयर                  शेयर   नीचे जाएगा

स्क्वायर ऑफ (Square off) :-दोस्तों स्क्वायर ऑफ का मतलब होता है । की आप अपनी पोजीशन या सौदा को खत्म अर्थात बराबर करना चाहते हैं । अगर आप लाँग पोजीशन बना कर बैठे हैं । तो आप स्क्वायर ऑफ करने के लिए शेयर बेच देते हैं । 

यहां आप शॉर्ट नहीं कर रहे होते हैं । पहले से ही अपने पास मौजूद पोजीशन को बेच रहे होते हैं । जब आप शॉर्ट पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं । तो आप शेयर खरीदते हैं । यहां खरीद कर लाँग पोजीशन नहीं बना रहे हैं । बल्कि आप शेयर खरीद कर अपने पहले किये गये शॉर्ट पोजीशन खत्म कर रहे हैं ।

   जब आप          स्क्वायर ऑफ करने पर

   शॉर्ट हैं                   शेयर खरीदेंगे

   शॉर्ट हैं                   शेयर खरीदेंगे

इन्ट्रा डे पोजीशन (Intra day position): - दोस्तों जब आप ऐसी पोजीशन बनाते हैं । जिसे आप उसी दिन स्क्वेयर ऑफ करना चाहते हैं । तो ऐसी पोजीशन को ही इन्ट्रा डे पोजीशन कहते हैं । 

दोस्तों मेरे ब्लॉग के अंदर मिले शेयर टिप्स पर जानकारी प्राप्त करके ही निवेश करें दोस्तो  नीचे मैं अपने रिसेंट ब्लॉग का LINK दे रहा हूँ । मुझे उम्मीद है आप लोगो को ये BLOG जरूर पसंद आएगी ।                                                                               👇

                    Value, investor, index परीचय !

👉 http://jhaleshwarsingh.blogspot.com/2022/03/valueinvestorindex.html

    ट्रेडिंग,पोर्टफोलियो,हेजिंग,कैप्टलाइजेशन परीचय

👉 http://jhaleshwarsingh.blogspot.com/2022/04/blog-post.html

                                                ☝

ये BLOG आप लोगो को कैसी लगी मुझे COMMENT कर जरूर बताइयेगा ।  मेरे सभी BLOG को पाने के लिये अपना EMAIL डाल कर इस BLOG को SUBSCRIBE कर ले । यदी आप लोगो को  मेरी BLOG पसंद आयी हो तो इसे SHARE FOLLOW  करे । 

इस BLOG को दूसरों तक पहुँचाने के लिये उन का EMAIL डाल कर उनके EMAIL को SUBSCRIBE कर के ये BLOG आप उन तक भी आप पहुँचा सकते हैं । दोस्तों अगर आप लोगो की कोई समस्या या सुझाव हो या कोई ऐसा विषय जिस पर आप लोग BLOG पढ़ना चाहते हो तो । 

मुझें COMMENT करके जरूर बताइयेगा मैं आपकी समस्याओं के समाधन करने की पूरी कोशिश करूँगा । साथ ही आप के बताये विषय पर जल्द से जल्द BLOG लिखने की कोशिश करूँगा । कॉमेंट बॉक्स में अपना EMAIL भेज कर भी आप ये ब्लॉग पा सकते हैं ।

                                                                : धन्यवाद :

ट्रेडिंग ,पोर्टफोलियो हेजिंग,कैपिटलाइजेशन परीचय ।

                            ट्रेडिंग ,पोर्टफोलियो हेजिंग,कैपिटलाइजेशन परीचय  

ट्रेडिंग (Trading) इंडेक्स का सबसे अधिक उपयोग ट्रेडिंग करने के लिए होता है । बाजार के ज्यादातर ट्रेडर इंडेक्स में ही ट्रेड करते हैं । वो लोग अर्थव्यवस्था या बाजार के भविष्य का अनुमान लगाते हैं । और उसी के आधार पर इंडेक्स में सौदा करते हैं । 

जैसे की मान लीजिए कि सुबह 10:30 पर वित्त मंत्री बजट भाषण देने वाले हो । इससे एक घंटे पहले निफ्टी 6600 पर हो । अगर आपको लगता है कि बजट में कुछ ऐसी घोषणा होगी कि जिस के कारण देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा । 

तो ऐसा होने पर इंडेक्स किधर जाएगा ? ऊपर ना? तब आप एक ट्रेडर के तौर पर इंडेक्स 6600 पर खरीदेंगे ही। अब यदि बजट भाषण आपकी उम्मीद के मुताबिक रहता है । और निफ्टी आप के सोच अनुसार 6900 पर पहुंच जाता है । 

तब तो अब आप 300 प्वाइंट ऊपर अपने फायदे के साथ सौदे से निकल सकते हैं । ऐसे ट्रेड यानी सौदे बाजार के डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में किए जाते हैं । अभी डेरिवेटिव के बारे में सिर्फ इतना जान लीजिए कि यहाँ इंडेक्स का सौदा किया जा सकता है । और इस पर हम  विस्तार से बाद में जानेंगे ।

पोर्टफोलियो हेजिंग (Portfolio Hedging)-  निवेशक आमतौर पर विभिन्न शेयरों का एक पोर्टफोलियो बनाते हैं। जिसमें वो 10-12 कंपनियों के शेयर रखते हैं ।  जिन्हें वो लंबे समय के लिए खरीदे हुए होते है। लेकिन कभी कभी बाजार में ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं । 

( साल 2008 की तरह) जब काफी समय तक बाजार खराब रहने की ही आशंका रहती है । ऐसे समय में पोर्टफोलियो की पूंजी को कम होने से बचाने के लिए करनी पड़ती है । और इसके लिए इंडेक्स का उपयोग किया जाता है। इस पर हम आगे और विस्तार से चर्चा करेंगे ।

कैपिटलाइजेशन ( Free Float Market Capitalization) कहते हैं - स्टॉक्स का वेटेज उनके फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन पर तय होता है, जितना बड़ा मार्केट कैपिटलाइजेशन उतना ज्यादा इंडेक्स में वजन । 

फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन निकालने के लिए शेयर बाजार में मौजूद उस कंपनी के शेयरों की संख्या को उसकी कीमत से गुणा कर दिया जाता है । उदाहरण के तौर पर अगर एक कंपनी के 100 शेयर बाजार में हैं और उस शेयर की कीमत 50 रूपये है । तो उस शेयर की फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन 100x 50= 5000 होगा ।

इंडेक्स बनाने का तरीका (Index construction methodology) - दोस्तों हमारे लीये ये जानना बहुत जरूरी है । कि आखिर इंडेक्स कैसे बनता है । और इसकी गणना कैसे की जाती है ।  

खासकर इंडेक्स ट्रेडरो के लिए ये जानकारी काफी महत्वपूर्ण है। दोस्तों जैसा कि हम जान ही चुके हैं । कि इंडेक्स कई सेक्टर के काफी सारे स्टॉक्स को मिला कर बनता है । और ये पूरी अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। इंडेक्स में शामिल करने के लिए स्टॉक में कुछ खासियतें देखी जाती हैं । 

और जब तक स्टॉक में वो सब खासियत मौजूद रहती हैं । तब तक ही वो स्टॉक इंडेक्स में बना रहता है।  लेकिन अगर उनमें से एक खासियत भी कम हो गयी तो उन खासियतों वाला दूसरा स्टॉक को उसके बदले इंडेक्स में उसकी जगह दे दी जाती है । 

इंडेक्स बनाने के लिए ऐसे स्टॉक्स की एक लिस्ट बनाई जाती है । जो उन खासियतों की सभी शर्तें पूरी करते हैं । इसके बाद हर स्टॉक का उनके महत्च के हिसाब से एक वजन (weightage) तय किया जाता है । वजन यानी वेटेज का मतलब होता है ।  

कि उस स्टॉक का इंडेक्स में दूसरे शेयरों की तुलना में कितना महत्व है । जैसे की निफ्टी में ÌTC  का वजन यानी वेटेज 7.6% है । इसका मतलब ये हुआ कि निफ्टी के बढ़ने या गिरने में 7.6% भूमिका ITC की होती है । दोस्तों आप लोगो के मन में अब सवाल उठेगा । 

कि इंडेक्स में वजन यानी वेटेज को तय कैसे किया जाता है ? इसके कई तरीके होते हैं । लेकिन भारतीय बाजार यानी एक्सचेंज जिस तरीके का इस्तेमाल करते हैं उसे फ्री फ्लोट मार्केट

कैपिटलाइजेशन ( Free Float Market Capitalization)  कहते हैं। स्टॉक्स का वेटेज उनके फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन पर तय होता है ।  जितना बड़ा मार्केट कैपिटलाइजेशन उतना ज्यादा इंडेक्स में वजन । फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन निकालने के लिए 

शेयर बाजार में मौजूद उस कंपनी के शेयरों की संख्या को उसकी कीमत से गुणा कर दिया जाता है । उदाहरण के तौर पर अगर एक कंपनी के 100 शेयर बाजार में मौजूद हैं । और उस शेयर की कीमत 50 रूपये है । तो उस शेयर की फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन 100x 50= 5000 होगा ।

इस अध्याय को लिखते वक्त निफ्टी के 50 शेयरों की लिस्ट और उनके इंडेक्स में वजन का चार्ट कुछ इस प्रकार है..।                                                                                                                                            क्रमांक   कंपनी का नाम              इंडस्ट्री                                        वेटेज (%)

   1        ITC LTD                      सिगरेट                                        7.6

   2       ICICI बैंक.LDT               बैंक                                           6.55

   3       HDFC LTD.                  हाउसिंग फाइनेंस                         6.45

  4        रिलायंस इंडस्ट्री LTD        रिफाइनरीज                              6.37

  5        इन्फोसिस LTD               कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर                    6.26

  6        HDFC बैंक LTD                            बैंक                           5.98

  7        TCS LTD                       कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर                   5.08

  8        L &T LTD                      इंजीनियरिंग                             4.72

  9        टाटा मोटर्स LTD              ऑटोमोबाइल                           3.09

  10      SBI LTD                        बैंक                                        2.9

  11      ONGC LTD                  ऑयल एक्सप्लोरेशन                   2.73

  12      एक्सिस बैंक LTD             बैंक                                        2.5

  13      सन फार्मा LTD               फार्मास्युटिकल                         2.29

  14      M&M LTD                  ऑटोमोबाइल                            2.13

  15      HUL LTD                      FMCG                                   1.87

  16      भारती एयरटेल LTD         टेलीकॉम                                1.7

  17      HCLटेक्नोलॉजिसLTD       कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर                  1.61

  18      टाटा स्टील LTD                मेटल-स्टील                            1.42

  19      कोटक महिन्द्रा बैंक LTD   बैंक                                        1.4

  20      सेसा स्टरलाइट LTD         खनन                                       1.38

  21      डॉ रेड्डीज लैब LTD            फार्मा                                      1.37

  22      विप्रो LTD                        कम्प्युटर सॉफ्टवेयर                  1.37

  23      मारूति सुजुकी इंडिया LTD ऑटो                                   1.29

  24      टेक महिन्द्रा LTD            कम्प्युटर सॉफ्टवेयर                    1.24

  25      हीरो मोटोकॉर्प LTD          ऑटो                                     1.2

  26      NTPC LTD                      पावर                                   1.15

  27      पावर ग्रिड कॉर्प LTD         पावर                                    1.13

  28      एशियन पेन्ट्स LTD            पेन्ट्स                                  1.1

  29      ल्यूपिन LTD                      फार्मा                                  1.09

  30      बजाज ऑटो LTD               ऑटो                                  1.07

  31      हिन्डालको इन्डस्ट्रीज LTD    मेटल-अल्युमिनियम               0.95

  32      अल्ट्राटेक सीमेन्ट्सLTD       सीमेन्ट                                 0.95

  33      इन्डसइंड बैंक LTD             बैंक                                    0.94

  34      कोल इंडिया LTD               खनन                                  0.93

  35      सिप्ला LTD                        फार्मा                                 0.89

  36      BHEL LTD                       बिजली उपकरण                   0.79

  37      ग्रासिम इंडस्ट्रीज LTD          सीमेन्ट                               0.79

  38      गेल(इंडिया)LTD                 गैस                                   0.78

  39      IDFC                              फाइनेंशियल सर्विसेज           0.74

  40      केर्न इंडिया LTD               ऑयल एक्सप्लोरेशन             0.72

  41      यूनाइटेड स्पिरिटीजLTD     डिस्टीलरी                            0.7

  42      टाटा पावर कं.LTD              पावर                                0.68

  43      बैंक ऑफ बड़ौदा                बैंक                                  0.63

  44     अम्बुजा सीमेंट्स LTD           सीमेन्ट                              0.61

  45      BPCL                                रिफाइनरीज                      0.58

  46      पंजाब नेशनल बैंक              बैंक                                  0.55

  47      NMDC LTD                     खनन                                  0.52

  48      ACC LTD.                        सीमेंट                               0.5

  49      जिन्दल पॉवर एंड स्टील       स्टील                                 0.38

  50      DLF LTD                          कंस्ट्रक्शन                          0.34

दोस्तों ऊपर दिये गए तालिका में आप लोग देख ही सकते हैं । कि ITC  शेयर का बाकी सभी शेयरों में वेटेज सब से ज्यादा है । इसका अर्थ ये हुआ कि निफ्टी पर सबसे अधिक असर ITC के शेयर की कीमत में बदलाव का पड़ता है । 

और दूसरी तरफ सबसे कम DLF की कीमत में बदलाव का पड़ता है ।

दोस्तों मेरे ब्लॉग के अंदर मिले शेयर टिप्स पर जानकारी प्राप्त करके ही निवेश करें दोस्तो  नीचे मैं अपने रिसेंट ब्लॉग का LINK दे रहा हूँ । मुझे उम्मीद है आप लोगो को ये BLOG जरूर पसंद आएगी ।                                                                               👇

                    शेयरों की कीमतों में बदलाव कैसे व क्यो होता है ? P2

👉 http://jhaleshwarsingh.blogspom/2022/01/p2-tcs-tcs-it-it-15-it-it-tcs-it-tcs-15.htmlt.co

                  Value, investor, index परीचय !

👉 http://jhaleshwarsingh.blogspot.com/2022/03/valueinvestorindex.html

                                                  ☝

ये BLOG आप लोगो को कैसी लगी मुझे COMMENT कर जरूर बताइयेगा ।  मेरे सभी BLOG को पाने के लिये अपना EMAIL डाल कर इस BLOG को SUBSCRIBE कर ले । 

यदी आप लोगो को  मेरी BLOG पसंद आयी हो तो इसे SHAREFOLLOW  करे । इस BLOG को दूसरों तक पहुँचाने के लिये उन का EMAIL डाल कर उनके EMAIL को SUBSCRIBE कर के ये BLOG आप उन तक भी आप पहुँचा सकते हैं । 

दोस्तों अगर आप लोगो की कोई समस्या या सुझाव हो या कोई ऐसा विषय जिस पर आप लोग BLOG पढ़ना चाहते हो तो । मुझें COMMENT करके जरूर बताइयेगा मैं आपकी समस्याओं के समाधन करने की पूरी कोशिश करूँगा । 

साथ ही आप के बताये विषय पर जल्द से जल्द BLOG लिखने की कोशिश करूँगा । कॉमेंट बॉक्स में अपना EMAIL भेज कर भी आप ये ब्लॉग पा सकते हैं ।

                                                              : धन्यवाद :


Value,Investor,Index

                                                          Value,Investor,Index 

 Value Investor (वैल्यू इंवेस्टर) – एक वैल्यू इन्वेस्टर की कोशिश होती है । कि वह अच्छी कंपनियों की पहचान करे और उन में ही निवेश करे । कंपनी अपने शुरुआती दौर में है । या बाजार की जमी जमायी कंपनी है । ये बाते उसके लिए महत्वपूर्ण नही होता। 

वैल्यू इन्वेस्टर हमेशा ऐसी कंपनी की तलाश में रहता है । जो कि बाजार का मूड खराब होने की वजह से अपनी असली कीमत से नीचे मिल रही हो। इसका एक उदाहरण है l&t का शेयर। कुछ समय के लिए माहौल खराब होने की वजह से अगस्त- सितंबर 2013 में l&t का शेयर बुरी तरीके से गिरा 

यह शेयर ₹1200 से गिरकर ₹690 तक पहुंच गया था । ₹690 के भाव पर (कंपनी के फंडामेंटल के मद्देनज़र) इसकी वैल्यूएशन काफी सस्ती थी । इसलिए ये इसे खरीदने का बढिया मौका था । जिन निवेशकों ने इसे उस समय खरीदा उनको इसका इनाम भी मिला जब 

मई 2014 में ये शेयर 1440 पर पहुंच गया और आज ये शेयर उससे भी आगे बढ़ गया है । दोस्तों कुछ प्रचलित वैल्यू इन्वेस्टर के नाम हैं: चार्ली मंगर, पीटर लिंच, बेंजामिन ग्राहम, थॉमस रो, वॉरेन बफेट, जॉन बोगल, जॉन टेम्प्लटन इत्यादि । तो दोस्तों आप शेयर बाज़ार में किस तरह के इंवेस्टर बनना चाहेंगे

ये बिल्कुल आप पर निर्भर करता है । वैसे अगर मैं आपसे पूछूं कि अपने शहर के ट्रैफिक का ताजा हाल बताओ तो आप क्या करेंगे ? आपके शहर में हजारों सड़कें और चौराहे होंगे, क्या आप सबका हाल पता करेंगे और फिर जवाब देंगे क्या ? बिल्कुल नही ये नामुमकिन है । 

समझदारी तो इसी में होगी कि आप कुछ मुख्य सड़कों और चौराहों का हाल पता करें जिनसे आप शहर की हर दिशा में ट्रैफिक का हाल बता सकें । अगर इन सड़कों पर भीड़ हो तो आप बोलेंगे कि शहर में बहुत ट्रैफिक है । और नहीं तो आप कहेंगे कि ट्रैफिक सामान्य है।ठीक इसी तरह अगर आपसे स्टॉक मार्केट का हाल पूछा जाए तो, आप क्या करेंगे

बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)  में करीब 5000 कंपनियां लिस्टेड हैं । और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में करीब 2000, इन सबका हाल पता करना कि उनके शेयर ऊपर जा रहे हैं । या नीचे ये अपने आप में काफी मुश्किल काम होगा । इसकी जगह आसान तरीका होगा कि कुछ खास तरह की इंडस्ट्री या उद्योग से जुड़ी कंपनियों के शेयरों की हालत पता कर ली जाए। 

अगर इनमें से अधिकतर कंपनियों के शेयर नीचे हैं । तो बाजार नीचे और अगर ज्यादातर कंपनियों के शेयर ऊपर हैं । तो बाजार ऊपर जा रहा है कहा जाएगा । और अगर कुछ कम्पनिया नीचे और कुछ कम्पनियों के शेयर ऊपर जारहे हो तो बाजार को मिला-जुला कहा जा सकता है । 

इस तरह से कुछ कंपनियों को बाजार का प्रतिनिधि बनाया जा सकता है । और उनका हाल देख कर बाजार का हाल बताया जा सकता है। इन कंपनियों का समूह शेयर बाज़ार सूचकांक यानी स्टॉक मार्केट इंडेक्स (Stock Market Index) बनाता है।

The Index - (इंडेक्स- सूचकांक)-दोस्तो सौभाग्य से बाजार का हाल जानने के लिए इन चुनी हुई कंपनियों के समूह की हर कंपनी को भी अलग - अलग देखना जरूरी नहीं है। इन सभी कंपिनयों को पहले से ही एक साथ मिला दिया गया है । और इस मिले हुए समूह पर लगातार निगाह रखी जाती है । 

और उनके ही आधार पर बाजार का हाल बताया जाता है । कंपनियों के इस समूह को ही मार्केट इंडेक्स (Market Index) कहते हैं।

वर्तमान समय में भारत में दो मुख्य मार्केट इंडेक्स हैं- S&P BSE Sensex जो बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स है के नाम से जाना जाता और दूसरा CNX Nifty जो NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का हाल बताने वाला इंडेक्स है।

दोस्तों मेरे ब्लॉग के अंदर मिले शेयर टिप्स पर जानकारी प्राप्त करके ही निवेश करें दोस्तो  नीचे मैं अपने रिसेंट ब्लॉग का LINK दे रहा हूँ । मुझे उम्मीद है आप लोगो को ये BLOG जरूर पसंद आएगी ।                                                                               👇

                        Buy sell hold prof 2

👉 http://jhaleshwarsingh.blogspot.com/2022/02/buy-sell-hold-profit-p-2.html

              शेयरों की कीमतों में बदलाव कैसे व क्यो होता है ? P2

👉 http://jhaleshwarsingh.blogspot.com/2022/01/p2-tcs-tcs-it-it-15-it-it-tcs-it-tcs-15.html

ये BLOG आप लोगो को कैसी लगी मुझे COMMENT कर जरूर बताइयेगा ।  मेरे सभी BLOG को पाने के लिये अपना EMAIL डाल कर इस BLOG को SUBSCRIBE कर ले । यदी आप लोगो को  मेरी BLOG पसंद आयी हो तो इसे SHARE FOLLOW करे । 

इस BLOG को दूसरों तक पहुँचाने के लिये उन का EMAIL डाल कर उनके EMAIL को SUBSCRIBE कर के ये BLOG आप उन तक भी आप पहुँचा सकते हैं । दोस्तों अगर आप लोगो की कोई समस्या या सुझाव हो या कोई ऐसा विषय जिस पर आप लोग BLOG पढ़ना चाहते हो तो ।

 मुझें COMMENT करके जरूर बताइयेगा मैं आपकी समस्याओं के समाधन करने की पूरी कोशिश करूँगा । साथ ही आप के बताये विषय पर जल्द से जल्द BLOG लिखने की कोशिश करूँगा । कॉमेंट बॉक्स में अपना EMAIL भेज कर भी आप ये ब्लॉग पा सकते हैं ।

                                                            : धन्यवाद :

 

FEATURED POST

P. TOP ON 9/8/2023

                                                                  P. TOP ON 9/8/2023 दोस्तों आप में से शायद कुछ लोग जो मेरे ब्लोगों को लगा...